Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि!
July 7, 2017
जैन व्रत
jambudweep
सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि यह व्रत ३३ प्रकार की अत्यासादना को दूर करके आत्मशुद्धि के लिए किया जाता है। इसमें ३३ व्रत होते हैं। प्रथमत: समुच्चय मंत्र है— पुन: पाँच महाव्रत के ५, पाँच समिति के ५, तीनगुप्ति के ३ ऐसे १३ व्रत हैं। पाँच अस्तिकाय के ५, छह षट्कायिक जीव के ६ और नव पदार्थ के ९ ऐसे कुल— ५±५±३±५±६±९·३३ व्रत हुये हैं। इनकी उत्तम विधि उपवास, मध्यम अल्पाहार और जघन्य एकाशन है। इस व्रत का फल चारित्र की प्राप्ति और परंपरा से मोक्ष की प्राप्ति है।
समुच्चय मंत्र- ॐ ह्रीं अर्हं असिआउसा त्रयस्त्रिंशदत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१।।
प्रत्येक व्रत के पृथक-पृथक् मंत्र
ॐ ह्रीं अर्हं अहिंसामहाव्रतस्यात्यासादना-त्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१।।
ॐ ह्रीं अर्हं सत्यमहाव्रतस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२।।
ॐ ह्रीं अर्हं अचौर्यमहाव्रतस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।३।।
ॐ ह्रीं अर्हं ब्रह्मचर्यमहाव्रतस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।४।।
ॐ ह्रीं अर्हं अपरिग्रहमहाव्रतस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।५।।
ॐ ह्रीं अर्हं ईर्यासमिते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।६।।
ॐ ह्रीं अर्हं भाषासमिते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।७।।
ॐ ह्रीं अर्हं एषणासमिते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।८।।
ॐ ह्रीं अर्हं आदाननिक्षेपणसमिते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।९।।
ॐ ह्रीं अर्हं उत्सर्गसमिते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१०।।
ॐ ह्रीं अर्हं मनोगुप्ते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।११।।
ॐ ह्रीं अर्हं वचोगुप्ते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१२।।
ॐ ह्रीं अर्हं कायगुप्ते-रत्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१३।।
ॐ ह्रीं अर्हं जीवास्तिकायस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१४।।
ॐ ह्रीं अर्हं पुद्गलास्तिकायस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१५।।
ॐ ह्रीं अर्हं धर्मास्तिकायस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१६।।
ॐ ह्रीं अर्हं अधर्मास्तिकायस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१७।।
ॐ ह्रीं अर्हं आकाशास्तिकायस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१८।।
ॐ ह्रीं अर्हं पृथ्वीकायिकस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।१९।।
ॐ ह्रीं अर्हं अप्कायिकस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२०।।
ॐ ह्रीं अर्हं तेज:कायिकस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२१।।
ॐ ह्रीं अर्हं वायुकायिकस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२२।।
ॐ ह्रीं अर्हं वनस्पतिकायिकस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२३।।
ॐ ह्रीं अर्हं त्रसकायिकस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२४।।
ॐ ह्रीं अर्हं जीवपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२५।।
ॐ ह्रीं अर्हं अजीवपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२६।।
ॐ ह्रीं अर्हं आस्रवपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२७।।
ॐ ह्रीं अर्हं बंधपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२८।।
ॐ ह्रीं अर्हं संवरपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।२९।।
ॐ ह्रीं अर्हं निर्जरापदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।३०।।
ॐ ह्रीं अर्हं मोक्षपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।३१।।
ॐ ह्रीं अर्हं पुण्यपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।३२।।
ॐ ह्रीं अर्हं पापपदार्थस्यात्यासादनात्यागायानुष्ठित-प्रोषधोद्योतनाय नम:।।३३।।
ॐ ह्रीं अर्हं सम्यग्दर्शनाय नम:।।१।।
ॐ ह्रीं अर्हं सम्यग्ज्ञानाय नम:।।२।।
ॐ ह्रीं अर्हं सम्यक्चारित्राय नम:।।३।।
Tags:
Vrata
Previous post
चारित्रमाला व्रत !
Next post
श्रुतपंचमी व्रत!
Related Articles
श्री त्रिलोक तीज व्रत!
July 11, 2017
jambudweep
द्वादशकल्प व्रत (मुष्टि तंदुल व्रत)!
September 19, 2017
jambudweep
मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत एवं मंत्र!
July 15, 2017
jambudweep
error:
Content is protected !!