[[श्रेणी:शब्दकोष]]
सर्वपरित्याग – Sarvaparitayaaga.
Renunciation of all (on the pathe of salvation).
उपसर्ग मार्ग; शुद्धात्मा के सिवाय अन्य जो कुछ भी बाह्यअभ्यन्तर परिग्रह रूप है, उस सर्व का त्याग ही उत्सर्ग है। निष्चय नय, सर्वपरित्याग, परमोपेक्षा संयम, वीतरागचारित्र, शुद्धोपयोग ये सब एकार्थवाची है।