विशेष उपलब्धिस्वरूप महोत्सव में दिनाँक २१ फरवरी २०१६ को ‘‘युग प्रतिक्रमण’’ का आयोजन किया गया। प्रात:काल आचार्यश्री अनेकांतसागर जी महाराज व पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के संघ सहित समस्त साधुसंघ एक साथ एकत्रित हुए और सभी ने युग प्रतिक्रमण करके जैन इतिहास की प्राचीन परम्परा को प्रस्तुत किया। ज्ञात होवे कि प्राचीनकाल में दिगम्बर जैन साधुसंघों का युग प्रतिक्रमण प्रत्येक ५ वर्षों में एक बार एक स्थान पर एकत्रित होकर किया जाता था अत: इसी परम्परा को याद दिलाते हुए सभी साधुसंघों ने एक साथ बैठकर युग प्रतिक्रमण सम्पन्न किया, जो इस महोत्सव के लिए एक आदर्श बना।