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सिरदर्द — अपने दोनों हाथों के अंगूठे के टॉप यानि अँगूठे का ऊपरी हिस्सा दबायेंगे। बेहोशी — दोनों नाक के किनारे जहाँ खत्म होते हैं वहाँ पर दोनों हाथों के बीच वाली अँगुली से अच्छे से प्रेस करना है। कमरदर्द — हाथ की लघु अँगुली के पास वाली अँगुली को दूसरे हाथ के बीच में से गोल—गोल घुमायेंगे। कब्ज — दाँत भीचकर ठोड़ी के बीचोंबीच वाला जो प्वार्इंट होता है उसे बीच वाली अँगुली से प्रेस करेंगे ८ से १० बार करेंगे कब्ज में तुरन्त आराम मिलेगा। दमा — अस्थमा— पीठ के कन्धों के जोड़ पर कोहनी से थोड़ा नीचे, अँगूठे की सीध में बाजू पर, इन सभी प्वार्इंटस पर हाथ के अँगूठे से दिन में चार—पाँच बार प्रेस करने से खाँसी (अस्थमा) में फायदा होता है। निरोग प्वार्इंट — दोनों हाथ की (आगे की तरफ) कोहनियों के ५ अँगुल नीचे एकदम बीच में प्वार्इंट है। रोज सुबह—ाqदन में तथा शाम को ये २ मिनट तक अँगूठे से हल्के हाथ से प्रेस कर सकते हैं। अर्थराईटिस संधिवात — भाप का उपयोग करने से शरीर में स्थित सर्दी और विषैले द्रव्य पसीने द्वारा दूर होते हैं। रक्त—भ्रमण बढ़ता है तथा इन बीमारियों में आराम मिलता है। अनिद्रा — दोनों हाथ की अंगुलियों को एक दूसरे में अच्छी तरह फसाँइये फिर दायें हाथ की अँगुलियों द्वारा बायें हाथ की हथेली के पिछले भाग पर दबाव दीजिये इसी तरह दूसरे हाथ से दबाव दीजिये इसी प्रकार १—२ मिनिट, दिन में ३—४ बार कीजिये । कम केलोरी का भोजन लेना चाहिये। फल, हरी सब्जियाँ तथा सलाद अवश्य लें। हल्का—फुल्का व्यायाम अवश्य ही करें। जमीन पर बैठकर खाना खाना चाहिये। जिससे अर्थ के सम्पर्व में रहें। अपने पैरों को बेलन पर प्रतिदिन पाँच मिनिट रगड़िये ऐसा करने से पाचन शक्ति बढ़ती है तथा फैफड़े और किड़नी सुचारु रूप से कार्य करते हैं । इस तरह हम इन प्वार्इंटस को दबाकर स्वस्थ रह सकते हैं।