[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान अप्रमत्त – Svasthaana Apramatta.
The first phase of the 7th spiritual stage of development-unstable stage of meditation.
सतवे गुणस्थान के दो भेदो मे प्रथम भेद। जब तक चारित्रमोहनीय की 21 प्रकृतियो के उपषमन तथा क्षपण के कार्य का प्रारम्भ नही होता, किन्तु संज्वलन के मंदोदय के कारण प्रमाद भी नही होता, केवल सामान्य ध्यानावस्था रहती है, तब तक यह अवस्था निरतिशय या स्वस्थानाप्रमत्त कहलाती है।