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हँसते रहो हँसाने के लिये!

July 16, 2017जनरल नॉलेजjambudweep

हँसते रहो हँसाने के लिये


पहलवान — एक पहलवान ने एक कमजोर व्यक्ति को जोर से थप्पड़ मार दिया।
कमजोर व्यक्ति — भाई साहब ! यह थप्पड़ आपने गुस्से से मारा है या मजाक से ?
पहलवान — गुस्से से। कमजोर — तब तो ठीक है क्योंकि मजाक मुझे पंसद नहीं है।
 
नवयुवक (मित्र से) — यार! मुझसे दो लड़कियाँ प्रेम करती हैं—एक खूबसूरत, शिक्षित, बुद्धिमती हैं किन्तु गरीब है और दूसरी बदसूरत, अनपढ़, बेवकूफ है किन्तु मालदार है। समझ में नहीं आता किससे शादी करूँ ?
मित्र — यार ! मेरी मान, खूबसूरत, शिक्षित, बुद्धिमती से तू शादी कर ले और बदसूरत, अनपढ़ बेवकूफ से मैं शादी कर लूँगा।
 
पिता (पुत्र से) — क्यों सोम, तुमने अपनी छोटी सी बहिन को छत से धक्का क्यों दिया ?
पुत्र — पापा, मैंने तो आपकी आज्ञा का पालन किया है।
पिता — वो कैसे ?
पुत्र — आपने कहा था ना कि छोटों का सहयोग करना चाहिए वह छत से कूदने का प्रयास कर रही थी पर कूद नहीं पा रही थी इसलिए मैंने उसे धक्का दे दिया।
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