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हम ज्ञानमती माता को वन्दन करते हैं!
June 16, 2020
भजन
jambudweep
हम ज्ञानमती माता को
तर्ज—ये क्या है……
हम ज्ञानमती माता को वन्दन करते हैं।
निज श्रद्धा पुष्प चरण में अर्पण करते हैं।।
ये मां है, सारे जग की, गणिनी माँ हैं इस वसुधा की।
इनकी छवि ऐसी लगती है, शारद माँ जैसी लगती है।। टेक.।।
ये बाल ब्रह्मचारिणी प्रथम हैं कहलाई।
इनकी माता आर्यिका रत्नमति कहलाई।।
ये मां हैं सारे जग की, गणिनी मां हैं इस वसुधा की।
ये तो करुणा की मूरत हैं, मां सरस्वती की सूरत हैं।।१।।
ये रूखा सूखा खाकर अमृत देती हैं।
निज ज्ञान के सागर से गागर भर देती हैं।
ये मां हैं, सारे जग की, गणिनी मां हैं इस वसुधा की।
ये वीरसिंधु की शिष्या हैं, इनकी भी अनेकों शिष्या हैं।।२।।
रच दिए शताधिक ग्रंथ ज्ञान की गरिमा से।
पूजा विधान हैं प्राप्त तुम्हारी महिमा से।।
ये मां हैं सारे जग की, गणिनी मां हैं इस वसुधा की।
ये शिवपथ साधन करती हैं, श्रुतज्ञानाराधन करती हैं।।३।।
इनके तप से कितनों ने लाभ उठाया है।
इनके जप ने विघ्नों को दूर भगाया है।।
ये मां हैं सारे जग की, गणिनी मां हैं इस वसुधा की।
ये जिनशासन की महिमा हैं, इनकी विस्तृत गुणगरिमा है।।४।।
ये संघर्षों से कभी नहीं घबराती हैं।
‘‘चन्दनामती’ ये विजय तभी पा जाती हैं।।
ये मां हैं सारे जग की, गणिनी मां हैं इस वसुधा की।
ये शूल को पूल बनाती हैं, जग को अनुकूल बनाती हैं।।५।।
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