अखरोट में कैल्शियम की प्रचुरता होती है। गठिया या जोड़ों के दर्द में अखरोट का सेवन अत्यन्त लाभदायक है। रजोनिवृत्ति के पश्चात् महिलाओं को प्रतिदिन अखरोट का सेवन करना चाहिए। यदि खांसी की शिकायत हो तो अखरोट को घी में भूनकर सेवन करने से लाभ होता है। सर्दियों में अखरोट का सेवन काफी लाभप्रद होता है। यह दिमाग को चुस्त दुरुस्त रखता है। शक्तिवर्धक होता है तथा बल और वीर्य की मात्रा बढ़ाता है। यह दिमाग को शांत रखता है। फलस्वरूप नींद भी अच्छी आती है। यदि गले में तकलीफ हो तो कच्चे अखरोट के काढ़े से गरारे करने से लाभ होता है। अखरोट का सेवन वायु और पित्त को शांत करता है। मूत्र संबंधी रोगों के लिए भी अखरोट का सेवन लाभदायक है। अखरोट के सेवन से स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध की मात्रा बढ़ती है। अखरोट का तेल भी बड़े काम की चीज है। इससे पेट के कीड़ों का नाश होता है। यदि कब्ज की शिकायत हो तो दूध में अखरोट का तेल मिलाकर लेने से वह दूर हो जाता है। यदि कुत्ता काट ले तो प्रभावित भाग पर दो चम्मच अखरोट के तेल में एक कप गर्म पानी मिलाकर दिन में तीन बार पीना चाहिए। मुँह के लकवे में इसके तेल की मालिश लाभदायक रहती है। अखरोट का छिलका न केवल उदर कृमियों का नाश करता है। अपितु कब्ज भी दूर करता है। अखरोट की छाल का काढ़ा कृमिनाशक होता है। अत: जिन्हें पेट के कीड़ों की शिकायत हो, उन्हें इसका सेवन करना चाहिए। अखरोट के पत्ते भी कृमिनाशक होते हैं।