अगुरुलघु नाम कर्म प्रकृति A Karmic nature of constancy of individuality; matter free from lightness & heaviness. जिस कर्म के उदय से ऐसा शरीर प्राप्त जो लोहे के गोले के सामान भारी और अर्क के टूल के समान हल्का न हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]