”अग्रायणी” The 2nd part of 14 Purvas (a type of scriptural knowledge). द्वादशांग के अंतर्गत १२वें द्रश्तिवाद अंग के १४ पूर्वों में दूसरा पूर्व।[[श्रेणी:शब्दकोष]]