क्षेत्र परिचय – यह क्षेत्र ग्वालियर से ड़बरा से भितरवार होकर कच्ची सडक पर कहरिया गांव से 60 किमी. पहुच कर वहां से जीप द्वारा 6 किमी. मनहरदेव जाना पडता है। रास्ता बडा जटिल है यहाँ कोई व्यवस्था नही है। वहां से वापस इसी रास्ते होकर सोनागिर जी 80 किमी. पर पहुचते है।
क्षेत्र पर खण्डित फिर भी अतिशयकारी प्रतिमाए अतिशयकारी प्रतिमाएं व पीछे दिखता मन्दिर पथरीले टीले पर मन्दिर मन्दिर मे पडी खण्डित प्रतिमाए मन्दिर मे विराजमान पार्श्वनाथ भगवान ये वो वेदी है जिसमे 14.15 फुट उंचे भगवान ‘शान्तिनाथ विराजमान थे जिसे सुरक्षा की नजर से सोनागिरि जी मे विराजमान कर दिया गया है।
गर्भ गृह का प्रवेश द्वार
द्वार पर भगवान की आकृति
पहाड पर स्थित बावडी जिसका पानी कभी नही सूखता, यह पानी पीने से कई रोग ठीक होते है।
मन्दिर तक पहुचने का पथरिला रास्ता पहाड पर स्थित मन्दिर पहाड पर खुले मे पडी कई प्रतिमाएं
पहाड पर कमरे, इनमे भगवान विराजमान थे जिन्हे खण्डित कर दिया है
पहाड पर इधर उधर बिखरे मुनि व भगवान की मूर्तियो के अंग व जैन अवशेश
मानस्तम्भ पर लिखा लेख
पहाडी पर दिखता मन्दिर
कमरो मे विराजमान खण्डित भगवान
मन्दिर के कमरे व बीच मे दिखते खण्डित भगवान
पहाड पर दिखता खण्डित मन्दिर
मन्दिर तक जाने के लिए थोडी सी सीढियां बनवाई हुई
