अनंतचतुष्टय Four-excellences of Jaina Lord (infinite conation-knowledge, bliss & power). अनंतदर्शन ,अनंतज्ञान ,अनंत सुख और अनंतवीर्य ये ४ मुख्या गुण केवली अरहंत पर्मात्र्मा के प्रगट होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]