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अन्धकार के मौन क्षणों में!
June 12, 2020
भजन
jambudweep
अन्धकार के मौन
अन्धकार के मौन क्षणों में, चलो सृजन के दीप जलाएँ।
ला दें भावों के आंगन में, नई उमंगों की अरुणाई।
जीवन की संध्या में भर दें, संकल्पों की नव तरुणाई।।
श्रम के उठते मधु गीतों में, धरती का सहलाएँ यौवन।
आज चेतना के शिखरों पर, नए राष्ट्र का सपन जगाएँ।।
चलो सृजन के दीप जलाएँ।
शुष्क युगों के मन अम्बर में, आज खिला दें थोड़े बादल।
सूखे अधरों पर इठलाएँ, मुस्कानों के दल पर नवदल।।
खिले दीप सा जीवन उपवन, हर क्षण हो प्रभु ध्यान तुम्हारा।
नेह भरी पलकों से झांके, ऐसा अपना मार्ग बनाएँ।।
चलो सृजन के दीप जलाएँ।
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