Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
अपमान :!
November 27, 2015
शब्दकोष
jambudweep
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]] ==
अपमान :
==
खंडिज्जंतो वि ससी अवमाणं सहइ पुण्णिमा जाव। सूरो पयावहरणे अत्थमइ न खंडणं सहइ।।
—गाहारयण कोष : ७४
खंडित होता हुआ चन्द्र र्पूिणमा तक अपमान को सहन करता रहता है। इससे विपरीत सूर्य अपने प्रताप के चले जाने पर अस्त होना (मरण) ही पसन्द करता है, किन्तु अपमान को नहीं सहता।
Tags:
Suktiya
Previous post
अज्ञान :!
Next post
अयोगी केवली :!
Related Articles
व्रत की महिमा!
July 27, 2017
jambudweep
इन्द्रिय—विषय :!
November 27, 2015
jambudweep
पुण्य :!
November 29, 2015
jambudweep