अपूर्वचैत्यक्रिया
A type of devotional prayer.
एक कृतिकर्म ;छह माह के बाद जो चैत्य-जिनप्रतिमा का दर्शन होता है उसे अपूर्वचैत्य कहते हैं.उनकी वंदना में भक्तिपाथ करना अपूर्व चैत्यक्रिया कहलाता है.जिसमे सिद्ध भक्ति,श्रुत भक्ति,चारित्र भक्ति,चैत्य भक्ति,पंचगुरु भक्ति,शांति भक्ति की जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]