इस चतुर्थ अध्याय में आपको पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी, आर्यिका श्री अभयमती माताजी के मंगल प्रवचनों को पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा तथा ध्यान-साधना वैâसे करें? इस विषय में मैंने भी थोड़ा सा विवेचन किया है जिसे पढ़कर आप सभी ध्यान करने की प्रक्रिया को सीख सकते हैं, सर्वप्रथम प्रस्तुत हैं पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा समय-समय पर किए गए अमृत प्रवचन-