विष का पर्यायवाची नाम।
जिस का उपभोग करने से प्राणी अमरत्व को प्राप्त कर लेवे वह अमृत है। कहा जाता है कि देवतागण अमर होते है क्योंकि वह अमृत पान करते है परन्तु ऐसा नहीं है आयु पूर्ण हो जाने पर वह शरीर छोड़ना पड़ता है।
वस्तुत: अमृत तो वह है जिसे पीने के बाद व्यक्ति जन्म, मरण के दुखो से छूट जावे और ऐसी अवस्था सिद्ध अवस्था है जो त्याग तपस्या के द्वारा ही सम्भव है। ज्ञान का पान करना भी अमृत तुल्य हैं।