Jambudweep - 7599289809
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अयोध्या
अर्हंत :!
November 27, 2015
शब्दकोष
jambudweep
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] ==
अर्हंत :
==
घनघातिकर्ममथना:, त्रिभुवनवरभव्यकमलमार्तण्डा:। अर्हा: (अर्हन्त:) अनन्तज्ञानेन, अनुपमसौख्या जयन्तु जगति।।
—समणसुत्त : ७
सघन घाति कर्मों का आलोड़न करने वाले, तीनों लोकों में विद्यमान भव्य जीव रूपी कमलों को विकसित करने वाले सूर्य, अनन्तज्ञानी और अनुपम सुखमय अर्हंतों की जगत में जय हो।
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Suktiya
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