प्रथम दो कल्प-सौधर्म ईशान में देवों के शरीर की ऊँचाई ७ हाथ, सानत्कुमार युगल में ६ हाथ, ब्रह्मोत्तर, लांतव, कापिष्ठ में ५ हाथ, शुक्र, महाशुक्र में ४ हाथ, शतार सहस्रार में ३-१/२ हाथ, आनतादि चार में ३ हाथ, अधस्तन तीन ग्रैवेयक में २-१/२ हाथ, मध्य तीन ग्रै.में २ हाथ, उपरिम तीन ग्रै. में १-१/२ हाथ, नव अनुदिश, पाँच अनुत्तरोें में १ हाथ प्रमाण होती है।