अवष्टम्भ Power of particular karma producing sense of vision. बल-चक्षुदर्शन की शक्ति चक्षुदर्शनावरण, वीर्यान्तराय के क्षयोपशम से तथा अंगोंपांग नामकर्म के बल से अत्पन्न होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]