ज्ञान, आनंद और प्रसिद्धि के शिखर तक वही लोग पहुंचे, जिन्होंने अनुकूल अवसर नहीं मिलने परिस्थितियां विपरीत होने जैसे बहानों की आइ नहीं ली। प्रभु की न्यायप्रियता और उसके निर्णयों के प्रति उन्हें संदेह न रहा। उन्होंने कठिन प्रतीत होते समय में भाग्य को नहीं कोसा, अपितु निरंतर कर्मरत रहे। प्रतिकूल लगती घटना से क्षुब्ध होकर हमारी मंदबुद्धि प्रायः प्रभु की वृहत योजनाओं से लेकर उनके अस्तित्व पर भी संदेह करने लगती है। कुछ तो अपना इष्ट तक बदल डालते हैं। जबकि प्रभु को उन पर आस्था रखने वाले भक्त से अपार स्नेह होता है, उसे वे कभी गिरने नहीं देते। उसको उन्नति का एक द्वार बंद होता है तो प्रभु उसके लिए दूसरा और कहीं बेहतर द्वार खोल देते हैं।
यदि चित्त अतीत की चिंताओं या भविष्य की कल्पनाओं में जकड़े रहने का अभ्यस्त हो जाएगा तो, उस धरातल तले अवसर नहीं दिखेंगे जहां आप खड़े हैं। अवसर उसी को दिखेंगे जिसका समग्र ध्यान आज संपन्न किए जाने वाले कार्य पर केंद्रित होगा, जिसमें कार्य पूर्ण करने की प्रबल इच्छा हो. इतनी प्रबल कि आसपास के लुभाते, विचलनकारी आकर्षणों की सुध ही न रहे। आज पग-पग पर अवसरों की जितनी प्रचुरता है वैसी अतीत में कभी नहीं थी। अभाव है तो केवल उन कर्मठ, पुरुषार्थी परिश्रमी लोगों का जो निष्ठा से अविरल अपने स्पष्ट लक्ष्य की दिशा में अग्रसर रह सकें।
सूर्य की अभिनन्न किरणों के साथ प्रत्येक सुबह बेहतर रूप में निखरने का अवसर लाती है। मनुष्य रूप में जीवन स्वयं में महान अवसर है। अपना जीवन सुधारने के लिए प्रभु ने मनुष्य को अपार क्षमता प्रदान की है। बस उसे संकल्प, इच्छाशक्ति, सत्कार्यों और प्रयासों को क्षीण नहीं होने देना है। लक्ष्य के अनुरूप सुविचार और सूझबूझ से अनेकानेक अवसरों का दोहन करना है। कोई आवश्यक कार्य दालें नहीं। किसी वस्तु, सुविधा या साधन के उपयोग के लिए विशेष अवसर को प्रतीक्षा न करें, क्योंकि प्रत्येक दिन विशिष्ट होता है।
हरीश बड़थ्वाल
अवसर
ज्ञान, आनंद और प्रसिद्धि के शिखर तक वही लोग पहुंचे, जिन्होंने अनुकूल अवसर नहीं मिलने परिस्थितियां विपरीत होने जैसे बहानों की आइ नहीं ली। प्रभु की न्यायप्रियता और उसके निर्णयों के प्रति उन्हें संदेह न रहा। उन्होंने कठिन प्रतीत होते समय में भाग्य को नहीं कोसा, अपितु निरंतर कर्मरत रहे। प्रतिकूल लगती घटना से क्षुब्ध होकर हमारी मंदबुद्धि प्रायः प्रभु की वृहत योजनाओं से लेकर उनके अस्तित्व पर भी संदेह करने लगती है। कुछ तो अपना इष्ट तक बदल डालते हैं। जबकि प्रभु को उन पर आस्था रखने वाले भक्त से अपार स्नेह होता है, उसे वे कभी गिरने नहीं देते। उसको उन्नति का एक द्वार बंद होता है तो प्रभु उसके लिए दूसरा और कहीं बेहतर द्वार खोल देते हैं।
यदि चित्त अतीत की चिंताओं या भविष्य की कल्पनाओं में जकड़े रहने का अभ्यस्त हो जाएगा तो, उस धरातल तले अवसर नहीं दिखेंगे जहां आप खड़े हैं। अवसर उसी को दिखेंगे जिसका समग्र ध्यान आज संपन्न किए जाने वाले कार्य पर केंद्रित होगा, जिसमें कार्य पूर्ण करने की प्रबल इच्छा हो. इतनी प्रबल कि आसपास के लुभाते, विचलनकारी आकर्षणों की सुध ही न रहे। आज पग-पग पर अवसरों की जितनी प्रचुरता है वैसी अतीत में कभी नहीं थी। अभाव है तो केवल उन कर्मठ, पुरुषार्थी परिश्रमी लोगों का जो निष्ठा से अविरल अपने स्पष्ट लक्ष्य की दिशा में अग्रसर रह सकें।
सूर्य की अभिनन्न किरणों के साथ प्रत्येक सुबह बेहतर रूप में निखरने का अवसर लाती है। मनुष्य रूप में जीवन स्वयं में महान अवसर है। अपना जीवन सुधारने के लिए प्रभु ने मनुष्य को अपार क्षमता प्रदान की है। बस उसे संकल्प, इच्छाशक्ति, सत्कार्यों और प्रयासों को क्षीण नहीं होने देना है। लक्ष्य के अनुरूप सुविचार और सूझबूझ से अनेकानेक अवसरों का दोहन करना है। कोई आवश्यक कार्य दालें नहीं। किसी वस्तु, सुविधा या साधन के उपयोग के लिए विशेष अवसर को प्रतीक्षा न करें, क्योंकि प्रत्येक दिन विशिष्ट होता है।