अविरत सम्यग्दृष्टि True believers possessing right perception without vows. चौथा गुणस्थानवर्ती जो-व्रत आदि से रहित है किन्तु सच्चे देव शास्त्र गुरु पर श्रद्धा रखता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]