(पूजन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री)
जल, चन्दन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, दीप, धूप, फल यह आठ प्रकार का द्रव्य अष्टद्रव्य है जिससे पूजन करने का वर्णन जैनागम में है इससे अनेक सुख- सम्पत्तियों की प्राप्ति होती है। अर्हंत देव के चरणों में जलधारा देने से ज्ञानावरण और दर्शनावरण कर्मरूपी रज शांत हो जाती है। चन्दन से पूजा करने से सुगन्धित शरीर प्राप्त होता है। अक्षत से पूजा वैभव को अखण्डि करती है। पुष्प से पूजा करने वाले स्वर्ग में मंदार माला को प्राप्त करते हैं। नैवेद्य से पूजा करने से लक्ष्मी के स्वामी होते है। दीप से पूजा करने वाले कांति को विस्तृत करते हैं। धूप से पूजन करके उत्कृष्ट सौभाग्य को प्राप्त होते हैं। फल से पूजा करके इच्छित फल को प्राप्त कर लेते है और अघ्र्य से पूजा करके अभिमत वस्तुओं को प्राप्त कर लेते है। इसके सिवाय जिनपूजा का फल तो अचिन्त्य है। सम्यग्दृष्टि पूजक को मै पहले , मै पहले कहते हुए सभी सुख-सम्पत्तियां आकर घेर लेती है।