मर्मच्छेदी परूष वचन, उद्वेगकारी कटु वचन, वैरोत्पादक, कलहकारी, भयोत्पादक तथा अवज्ञाकारी वचन इस प्रकार के अप्रिय वचन हैं तथा हास्य, भीति, लोभ द्वेष इत्यादि कारणों से बोले जाने वाले वचन सब असत्य भाषण हैं। अपर नाम अप्रशस्त व झूठ है।
यह पांच पापों में से एक है जिससे करने से इस लोक में निन्दा के साथ-२ परलोक में भी दुर्गति की प्राप्ति होती है। ऐसा सत्य जिससे किसी का बुरा हो सत्य होते हुए भी असत्य है उदाहरणार्थ- किसी कसाई द्वारा गाय का पीछा करने पर अगर वह पूछे कि गाय किधर गई तो सही उत्तर देना भी असत्य की श्रेणी में आता है और अगर असत्य कहा तो भी जीवरक्षार्थ बोला गया असत्य भी सत्य कहा जएगा ।