हमारी आंखें प्रकृति द्वारा प्रदत्त वह अनमोल तोहफा है जिसके द्वारा हम प्रकृति की सुन्दरता और दुनिया की रंगीनियों का आनंद ले पाते हैं। यदि आंखें न हों तो दुनियां अंधेरे में डूब जाएगी। प्रकृति की सुन्दरता का हमारे लिए कोई महत्व नहीं रह जाएगा। यदि आप चाहते हैंं जिंदगी में सदा उजाला कायम रहे तो आप आंखों की देखभाल में कोताही न करें। विशेष रूप से अधिक आयु के लोगों को अपनी आंखों की सुरक्षा के प्रति ज्यादा सजग रहना चाहिए। हमारी आंखें ही हमे आगे बढ़ाने में सहायक है, इसलिए इन्हें नेत्र भी कहा जाता है। ये शरीर का एक नाजुक अंग है इसलिए इनकी देखभाल में सावधानी बरतना आवश्यक हो जाता है । डॉक्टर विलियम आस्लर के अनुसार असली डॉक्टर वह है जो अपने द्वारा दी जाने वाली औषधियों की अनुपयोगिता को समझता है। इस कथन से मालूम होता है कि कोई भी दवा या औषधि केवल प्रकृति एवं प्रयत्न में सहायक ही होती है। इसी प्रकार आंखों की तंदुरूस्ती के लिए आंखों के स्नायु और पेशियों को व्यायाम कराना आवश्यक है।
निम्न व्यायाम लाभदायक सिद्ध
निम्न व्यायाम लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। आंखों को बार—बार खोलें तथा बंद करें। दोनों आखों को गोल—गोल घुमाने की कोशिश करें तथा क्षितिज की ओर नजर डालते हुए आंखों को गोल घुमाएं। सूर्योदय के समय यथासंभव किसी ऊंचे स्थान पर खड़े होकर सूर्य की प्रात: कालीन किरणों को आंखों पर पड़ने दें। आंखों के एक विशेषज्ञ का कहना है कि दिन में, सुबह और शाम को हाथ मुँह धोते हुए तथा स्नान करते समय बार—बार आंखों पर ठंडे जल के छींटे मारने चाहिए इससे आंखों को लाभ मिलता है। इसके बाद हल्के हाथों से आंखों को किंचित ७—८ बार दबाना चाहिए। सुबह तथा शाम को टहलते समय दूर के वृक्षों पर या बिजली के खंभों के ऊपरी सिरे पर या ऊँचे मकान पर नजर टिकने का प्रयास करना चाहिए। गर्मी के दिनों में खुले में या छत पर सोते हुए आकाश में चांद और तारों को एक टक देखना चाहिए । सूर्य या तेज प्रकाश की बत्ती को लगातार नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आंखों को नुकसान पहुंचता है। वैसे प्रकाश के सामने बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए जो सीधा आँखों पर पढ़ता हो। पढ़ते समय प्रकाश व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि प्रकाश पीछे से या बगल से पड़े । मंद प्रकाश में लिखने—पढ़ने का काम नहीं करना चाहिए। इससे आंखों पर तनाव पड़ता है। बिस्तर पर लेटकर पढ़ना भी आंखों के लिए हानिकारक होता है। शीर्षासन या सर्वांगासन करना चाहिए इनसे आंखों की रोशनी बढ़ती है तथा मोतियाबिंद से बचाव होता है। विटामिन ए.बी. सी और डी आँखों के लिए लाभदायक होता है। ताजे फलों व हरी सब्जियों में ये विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, इसलिए ताजे फलों और हरी सब्जियों को पर्याप्त मात्रा में खाना चाहिए।