प्रत्येक भव्य आत्मा में छिपी अनंत शक्ति का जैन धर्म ने खुलासा किया है । भगवान महावीर के द्वारा बताई गई अनंत ज्ञान, अनंत दर्शन, अनंत सुख अनंत वीर्य (शक्ति), जो हमारी आत्मा में ही बसी है , उसका ज्ञानावरणी (५) दर्शनावरणी (९) मोहनीय, (२८) और अंतराय (५) कर्मों के कारण प्रकट न होने से आज हम संसारी लोग उसको प्राप्त नहीं कर पाते । उसी का एक छोटा—सा रूप, पर २१ वीं सदी में आत्म शक्ति, ज्ञान की शक्ति का सबसे बड़ा चमत्कार रविवार १६ नवम्बर २०१४ को मुम्बई के वर्ली में स्थिति एनएससीआई स्टेडियम में समाज के श्रेष्ठ पांच हजार लोगों ने जीवंत देख सकेगे। ये पांच हजार लोग मंत्रियों, गणितज्ञों, वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों, उद्योगपतियों, बालीवुड हस्तियों, जजों, डॉक्टरों, इतिहासकारों, धर्म गुरूओं आदि में से चुनिंदा श्रेष्ठी जन थे। ‘जीओ और जीने दो’ का पाठ पूरी दुनिया को पढ़ाने वाले भगवान महावीर के अनुयायी २४ वर्षीय श्वेतांमबर जैन मुनि श्री अजीत चन्द्र सागर जी महाराज २१ वीं सदी का अभूतपूर्व ज्ञान दर्शन विकास से पूरी दुनिया को ५०० वर्ष पहले राजा भोज के दरबार में हुये प्रदर्शन को एक बार पुन: दोहराने का प्रयास करेंगे। तब श्वेतांबर जैन मुनि श्री सुंदरसूरीस्वर जी महाराज ने राजा भोज के खचाखच भरे दरबार में एक हजार सवालों को लोगों से पूछने के बाद उसी क्रम में जवाब व समाधान देकर ज्ञान की इस अनंत शक्ति का बेवाक नमूना जो प्रदर्शित किया था, वह इस सहस्त्राब्दी में ज्ञानदर्शन का सबसे बड़ा चमत्कार था।
अब श्वेतांबर जैन मुनि श्री अजीत चन्द्र सागर जी ५०० सवालों के पूछने के बाद उनका जवाब उसी क्रम में एक साथ देंगे जो विभिन्न धर्मो व ज्ञान के साथ इतिहास व गणित के विषय से सम्बंधित होंगे । पूज्य श्वेतांबर मुनि श्री नंदचन्द्र सागर जी के शिष्य ये जैन संत ४ मार्च २०१४ में इसी तरह शनमुखानंद हाल, किंग्स सर्कल, मुम्बई में समाज के ३००० श्रेष्ठ लोगों के बीच २०० सवालों का उसी क्रम में सावधान कर ‘शतावधान’ की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। श्वेतांबर मुनिश्री अजीत चन्द्र जी उसी गांव के हैं, जहां की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पत्नी श्रीमती जशोदाबेन मोदी है, वो है गुजरात का ऊंझा गांव । बारह वर्ष की उम्र में ही उन्होंने दीक्षा ग्रहण कर ली थी। इस कार्यक्रम में सभी, श्रेष्ठी जन होंगे और उनका नि:शुल्क प्रवेश होगा। इसका आयोजन सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन ने किया है।