छह महीनें के उपचार के बाद वृद्ध और रोगी व्यक्ति में भी युवाओं जैसी स्फूर्ति का संचार किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार उपयुक्त आहार लेने और संयम बरतने वाला व्यक्ति बिना बीमार हुये भी सौ वर्ष तक जीवन का आनंद ले सकता है। वैद्यों का मानना है कि आयुर्वेद व्यक्ति को दीर्घायु करने वाला विज्ञान है। आयुर्वेद में शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बराबर का महत्व दिया गया है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए कड़ा मानसिक अनुशासन और नैतिक मूल्यों का पालन कड़ाई से करने पर बल दिया है।