आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। चिकित्सा की यह अनूठी पद्धति शारीरिक विकारों की चिकित्सा के साथ-साथ उनसे बचने के उपायों पर भी बल देती है। यही कारण है कि इस चिकित्सा पद्धति को भारत ही नहीं, विश्व भर में जाना और सराहा जाता है। आयुर्वेद हमें यह जानकारी भी देते हैं कि किस चीज को कैसे खाया जाए कि असका शरीर को पूरा लाभ मिल सके। आयुर्वेद के अनुसार कुछ चीजों को साथ नहीं खाना चाहिए।
दूध और दही की तासीर अलग-अलग होती है। दही एक खमीर वाली चीज है। इसलिए ही इन्हें मिलाने पर बिना खमीर वाला भोजन (दूध) खराब हो जाता है। इनका साथ सेवन करने से एसिडिटी गैस, अपच व उल्टी हो सकती है। ठीक इसी तरह दूध के साथ संतरे का जूस लेने पर भी पेट में खमीर बनता है। वैसे तो इनको साथ खाना ही नहीं चाहिए, और यदि खाना ही है तो दोनों के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर रखें।
दूध में मिनरल और विटामिंस के अलावा लैक्टोस शुगर और प्रोटीन भी होते हैं। दूध में नमक मिलने उसमें मौजूद से मिल्क प्रोटीन्स जम जाते हैं और उसका पोषण कम हो जाता है। अगर लंबे समय तक इनका साथ सेवन किया जाए तो त्वचा संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार (मॉडर्न मेडिकल साइंस के उलट) विपरीत गुणों वाले भोजन लंबे वक्त तक और अधिक मात्रा में साथ खाए जाएं तो वे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
फलों में अलग एंजाइम होते हैं और दही में अलग। इसलिए इनका साथ सेवन करने पर वे पच नहीं पाते, इसलिए आयुर्वेद में दोनों को साथ लेने की सलाह नहीं दी जाती। फ्रूट रायता कभी-कभार ले सकते हैं, लेकिन बार-बार इसे खाने से बचना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार, संतरा और केला एक साथ नहीं खाना चाहिए, क्योंकि खट्टे फल मीठे फलों से निकलने वाली शुगर को डाइजेस्ट होने में रुकावट पैदा करते हैं, जिससे पाचन में दिक्कत हो सकती है। इनके साथ सेवन से फलों की पौष्टिकता भी कम हो सकती है। हालांकि मॉडर्न मेडिकल साइंस इस बात से इत्तफाक नहीं रखती।
घी, मक्खन, तेल आदि फैट्स को पनीर आदि भारी प्रोटींस के साथ नहीं खाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दो तरह के खाने अगर एक साथ खाए जाएं, तो वे एक-दूसरे की पाचन प्रक्रिया में दखल देते हैं। इससे पेट में दर्द या पाचन में गड़बड़ी हो सकती है।
दूध के साथ फल खाने पर दूध के अंदर का कैल्शियम फलों के कई एंजाइम्स को सोख (खुद में समेट लेता है और उनका पोषण शरीर को नहीं मिल पाता) लेता है। संतरा और अनन्नास जैसे खट्टे फल तो दूध के साथ कतई नहीं खाने चाहिए। व्रत वगैरह में बहुत से लोग केला और दूध साथ लेते हैं, जो सेह के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार, केला कफ बढ़ाता है और दूध भी कफ बढ़ाता है। दोनों को साथ खाने से कफ बढ़ता है और पाचन पर भी बुरा असर पड़ता है।
पनीर, नट्स प्रोटीन ब्रेड, दाल, आलू आदि जैसे भारी प्रटीन वाली चीजों को कार्बोहाइड्रेट्स के साथ नहीं खाना चाहिए। दरअसल, हाई प्रोटीन को पचाने के लिए जो एंजाइम चाहिए, अगर वे एक्टिवेट होते हैं तो वे हाई कार्बोहाइड्रेट्स को पचाने वाले एंजाइम को रोक देते हैं। ऐसे में दोनों का पाचन एक साथ नहीं हो पाता। अगर लगातार इन्हें साथ खाएं तो कब्ज की शिकायत हो जाती है।
पानी पीना सेहत के लिए अच्छा ही नहीं जरूरी भी है। लेकिन खाने के साथ पानी नहीं पीना चाहिए। दरअसल, खाना लंबे समय तक पेट में रहेगा तो शरीर को पोषण भी ज्यादा मिलेगा। अगर पानी ज्यादा लेंगे तो खाना फौरन नीचे चला जाएगा।