छ:खण्ड होते है ५ म्लेच्छखण्ड , १ आर्यखण्ड।
जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र के आर्यखण्ड में भारत देश में अमुक प्रदेश मे हम और आप सभी रहते है। हस्तिनापुर में निर्मित जम्बूद्वीप की रचना में आर्यखण्ड का नक्शा आप देख सकते हैं। जम्बूद्वीप में सात क्षेत्र, छ:पर्वत, चौदह नदियाँ, सोलह वक्षार पर्वत, चौतीस विजयार्ध पर्वत आदि है। गंगा व सिंधु नदी और विजयार्ध पर्वत से भरत क्षेत्र के छ:खण्ड हो गए है उत्तर और दक्षिण भरत क्षेत्रों में से प्रत्येक के तीन-२ खण्ड है इनमें से दक्षिण भरत के तीन खण्डों में मध्य का आर्य खण्ड है। भरत क्षेत्र का आर्यखण्ड, ऐरावत क्षेत्र का एक आर्यखण्ड और ३२ विदेह क्षेत्र के ३२ आर्यखण्ड होते है इस प्रकार जम्बूद्वीप में ३४ आर्यखण्ड है और ढाई द्वीप में भरत क्षेत्र के ५ ऐरावत क्षेत्र के ५, विदेह क्षेत्र के १६० मिलाकर १७० होते है । ये १७० ही कर्मभूमियां है।
भरत क्षेत्र के और ऐरावत क्षेत्र के आर्यखण्ड में षट्काल परिवर्तन होता है। जिनके नाम इस प्रकार से है- सुषमा सुषमा, सुषमा, सुषमा दुषमा, दुषमा सुषमा, दुषमा, दुषमा दुषमा । इनमें से वर्तमान में दुषमा काल- पंचमकाल चल रहा है।