अर्थासंदृष्टि के अनुसार आवली का चिह्न २ ( दो ) है जघन्य युक्तासंख्यात प्रमाण समयों की एक आवली होती है” जघन्य युक्तासंख्यात और आवली समान है अर्थात् एक आवली में जघन्य युक्तासंख्यात प्रमाण समय होते हैं
” जघन्य युक्तासंख्यात का प्रमाण – जघन्य परितासंख्यात का विरलन करके अर्थात् जघन्य परितासंख्यात प्रमाण एक-एक स्थापित करके प्रत्येक एक के अंक के ऊपर जघन्य परितासंख्यात को देकर सब परितासंख्यातोंको परस्पर गुणा करने पर जघन्य युक्तासंख्यात का प्रमाण आता है” जघन्य परितासंख्यात का प्रमाण १६ (सोलह) है” यथार्थ में जघन्य परितासंख्यात का प्रमाण असंख्यात समय हैं उसकी संदृष्टि १६ ( सोलह )है”
विरलन करने की विधि –१६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १६ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १ १