मार्ग और अवस्थिति—श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ दि.जैन अतिशय क्षेत्र, आसेगाँव महाराष्ट्र प्रांत के िंहगोली जिले के वसुमतनगर तालुका में अवस्थित है। रेलवे स्टेशन वसुमतनगर से यह तीर्थ ८ कि.मी. दूर एवं नांदेड़ से १६ कि.मी. दूर अवस्थित है। वसुमतनगर तथा नांदेड़ से बस अथवा जीप द्वारा जाया जा सकता है। सड़क पक्की है।
ऐतिहासिकता— यह अति प्राचीन अतिशय क्षेत्र है। यहाँ पर चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की पंचकुमारयुक्त अतिमनोज्ञ एक हजार साल पुरानी मनोवांछित फलदायी चमत्कारिक मूर्ति विराजमान है। मंदिर की वास्तु हेमाड़ पंथी क्षीण होने से मंदिर धर्मशाला के जीर्णोद्धार का काम पूर्णत: नया हुआ है। यहाँ पंचकल्याणक और वेदी प्रतिष्ठा सन् २००३ में संपन्न हो चुकी है। आसना नदी के पश्चिम तट पर बसा हुआ यह क्षेत्र भूमि से २० फुट ऊँची गढ़ी पर विराजमान है। सातिशय चिंतामणि पार्श्वनाथ प्रतिमा का अभिषेक प्रतिदिन होता है जिसके लिए गाँव से दूध आता है। यहाँ की विशेषता है कि गाँव में से मंदिर जी में पानी मिला दूध कभी नहीं दिया जाता है।
वार्षिक मेला— यहाँ पर कार्तिक शुक्ला १५ को प्रतिवर्ष यात्रोत्सव होता है। इसके अलावा पौष मास की वदी ग्यारस से तेरस तक श्री पार्श्वनाथ जन्मजयंती को वार्षिक उत्सव मनाते हैं।
क्षेत्र पर उपलब्ध सेवाएँ— क्षेत्र पर कुल ९ कमरे हैं जिसमें २ कमरे डीलक्स हैं, २ हॉल भी हैं, यहाँ कुल २०० यात्रियों को ठहराने की क्षमता है। भोजनशाला सशुल्क है, अनुरोध करने पर भोजन तैयार किया जाता है।