लंका के राजा रावण जो कि प्रतिनारायण थे उनका पुत्र था । अपरनाम मेघनाद था । राम – रावण युद्ध के समय वीरता के साथ लगा । इसी के द्वारा चलाई गई अमोघ शक्ति से लक्ष्मण बेहोश हो गये थे पुन: विशल्या के तप के प्रभाव से वह शक्ति निकली । पुन: रावण की मृत्यु हो जाने पर विरक्त होकर दीक्षा धारण कर ली तथा पर्वत से मोक्ष प्राप्त किया ।