(आकांक्षा )
किसी भी वस्तु की प्राप्ति हेतु विचार करना इच्छा कहलाती है | इस संसार इच्छा नाना प्रकार की है जिसका कोई अंत नहीं है | मुख्य रूप से इच्छा दो प्रकार की होती है –
१ भौतिक सुखों की इच्छा
२ अविनश्वर सुख की इच्छा
भौतिक सुखों की इच्छा वह है जिसकी पूर्ति संभव नहीं है | घर, परिवार, पुरजन, प्रियजन आदि की सुख सुविधा की प्राप्ति की आकांक्षा,जितना है उससे अधिक की आकांक्षा एकत्रित करके रखने की आकांक्षा यह सब भौतिक आकांक्षाए है जो इस भव में मिश्रित सुख दुःख देती है लकिन परिणामो में निर्मलता न होने से नाना प्रकार से संकलप विकल्पों के होने से यह आगे उत्तम सुख नहीं प्राप्त कराती जबकि अविनश्वर सुख की इच्छा मोक्ष सुख की इच्छा करना है जो व्यक्ति को अनंत सुख में पहुँचाती है जिसके बाद कैसी वास्तु की इच्छा ही शेष नहीं बचती है |