सरल अर्थात् धनुष से छूटे हुए वााण के समान मोड़ारहित गति को इषुगति कहते हैं ।
विग्रह अर्थात् शरीर के लिए जो गति होती है वह विग्रह गति है । विग्रहगति चार प्रकार की है – इषुगति, पाणिमुक्ता, लांगलिका और गोमूत्रिका ।
इषुगति का दूसरा नाम सिद्धगति भी है ।