प्रत्येक मनुष्य के आराध्यदेव को इष्टदेव भी कहते है । जैनधर्म में किसी व्यक्ति विशेष को न मानकर ज्ञानावरणादि अष्ट कर्मों को नष्ट कर जिन संज्ञा को प्राप्त करने वाले तीर्थंकर भगवान को नमस्कार किया है । उन्हें इष्ट देव माना है हिन्दू धर्मानुयायी राम, कृष्ण, हनुमान आदि को इष्ट देव मानते हैं । मुसलमान लोग अल्ला को अपना इष्ट देव मानते हैं, ईसाईजन ईसामसीह को अपना इष्ट देव मानते हैं, सिक्ख भाई गुरू नानक तथा ग्रन्थ साहब को अपना इष्ट देव मानते हैं ।
इष्ट देव को पूजनीय मानकर प्रत्येक धर्मानुयायी अपने इष्टदेव के लिए तन, मन, धन, समर्पित करने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं ।