धातकीखण्ड व पुष्करार्ध इन दोनों द्वीपों की उत्तर व दक्षिण दिशाओें में एक – एक पर्वत स्थित है। इस प्रकार चार इष्वाकार पर्वत हैं जो उन – उन द्वीपों को आधे-२ भागों में विभाजित करते हैं ।
प्रत्येक पर्वत पर चार कूट हैं । प्रथम कूट पर जिनमन्दिर है औेर शेष पर व्यन्तर देव रहते हैं । दक्षिण इष्वाकार के दोनों तरफ दो भरत हैं तथा उत्तर इष्वाकार के दोनों तरफ दो ऐरावत हैं शेष व्यवस्था जम्बूद्वीप के समान है ।