जैनागम में मुख्यतः चार संवत्सरों का प्रयोग पाया जाता है | १ वीर निर्वाण संवत् २ विक्रम संवत् ३ ईसवी संवत् ४ शक संवत् | इन संवत्सरों के अतिरिक्त और भी संवतो का व्यवहार होता है जो कि इन संवतो के बाद प्रचलन में आए |
ईसवी संवत् ईसा मसीह के स्वर्गवास के पश्चात् यूरोप में प्रचलित हुआ और अंग्रेजी साम्राज्य के साथ सारी दुनिया में फैल गया | यह आज विश्व का सर्वमान्य संवत् है | इसको प्रवृत्ति वीर निर्वाण के ७२५ वर्ष पश्चात् और विक्रम संवत् से ५७ वर्ष पश्चात् होनी प्रसिद्ध है |