मति , श्रुत , अवधि , मन: पर्याय , केवलज्ञान तथा कुमति , कुश्रुत , कुअवधि ये आठ प्रकार के ज्ञान के भेद है जिसमे मति ज्ञान पांचो इन्द्रियों और मन के निमित्त से होता है उस मति ज्ञान के अवग्रह , ईहा , अवाय और धारणा ये चार भेद है | अवग्रह अर्थात दर्शन के बाद हुए शुक्ल ,कृष्णा आदि रूपविशेष के ज्ञान को अवग्रह कहते है जैसे नेत्र से सफेद रूप को जानना अवग्रह है| अवग्रह से ज्ञात पदार्थ में विशेष जानने कि इच्छा को ईहा कहते है जैसे यह सफेद रूप वाली वस्तु बगुला है या पताका ? ऐसी जिज्ञासा |
विशेष चिन्हों के द्वारा यथार्थ वस्तु का निर्णय होने के अवाय कहते है जैसे शुक्ल पदार्थ में पंखो का फाड़फाड़ाना और उड़ना आदि चिन्ह देखकर बगुले का निश्चय होना | निश्चित हुई वस्तु को कालान्तर में नहीं भूलने को धारणा कहते है |