१ उच्च गोत्र
२ नीच गोत्र
जिसके उदय से जीव लोकमान्य कुल में देह धारण करे वह उच्च गोत्र है । और जिसके उदय से जीव लोक निंद्य कुल में देह धारण करे वह नीच गोत्र है । देवों भोग भूमि के मनुष्यों के उच्च गोत्र और नारकी, तिर्यन्चों के नीच गोत्र ही होता है परन्तु कर्म भूमि के मनुष्यों के उच्च और नीच दोनों गोत्र होते हैं ।