सद् द्रव्य लक्षणं द्रव्य का लक्षण सत् है । सत् क्या है ? उत्पाद व्यय ध्रौव्य युक्तं सत् जिसमें उत्पाद , व्यय और ध्रौव्य पाया जाए वह सत् है ।
उत्पाद- द्रव्य में नवीन पर्याय की उत्पत्ति को उत्पाद कहते हैं जैसे जीव की देव पर्याय का उत्पाद ।
व्यय – पूर्व पर्याय के विनाश को व्यय कहते हैं । जैसे – जीव की मनुष्य पर्याय का विनाश ।
ध्रौव्य – पूर्वपर्याय का विनाश और नवीन पर्याय का उत्पाद होने पर भी सदा बने रहते वाले मूल स्वभाव को ध्रौव्य कहते हैं । जैसे – जीव की मनुष्य तथा देव दोनों पर्यायों में जीवत्व का रहना । ये तीनों अवस्थाएं एक समय में ही होती है ।