जिस कर्म के उदय से प्रकाश रूप शरीर हो । यह उद्योत कर्म चन्द्र बिम्ब के विमान में स्थित एकेन्द्रिय बादर पृथ्वीकायिक जीव के होता है जुगनू आदि के भी इस कर्म का उदय रहता है ।
उद्योतश्चन्द्रमणिखद्योतादिप्रभव: प्रकाश: । ’ चन्द्र, मणि, और जुगनू आदि के निमित्त जो प्रकाश पैदा होता है उसे उद्योत कहते हैें ।