उपगूहन Protection, An act of safeguarding of other’s faults and increasing self virtues. सम्यग्दर्शन के 8 अंगों में 5 वाँ अंग अपनी आत्मा के गुणों को बढ़ाना व दूसरों के दोषों को ढ़कना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]