(१) पूज्यश्री का नाम – क्षुल्लक श्री १०५ उपयोग सागर जी महाराज
(२) गृहस्थावस्था नाम-श्री हुकुमचन्द जी पाटनी
(३) जन्मस्थान – कन्नड़ औरंगाबाद
(४) जन्मतिथि व दिनाँक – २९ अप्रैल, १९२८
(५) जाति – खण्डेलवाल जैन
(६) गोत्र – पाटनी
(७) (A) माता का नाम श्रीमति कुसुम्बा बाई जैन
(B) पिता का नाम श्री हीरालाल जी
(८) लौकिक शिक्षा – ९ वीं कक्षा पास कारंजा गुरुकुल
(९) आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – १९९२ में औरंगाबाद
(१०) क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १३ अप्रैल, २००७ औरंगाबाद
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा गुरु – श्री १०८ श्री विमद सागर जी महाराज
(११) शिष्यों की संख्या –
आचार्य की संख्या-
उपाध्याय की संख्या-
मुनि की संख्या-
गणिनी की संख्या-
आर्यिका की संख्या-
ऐलक की संख्या-
क्षुल्लक की संख्या-.
क्षुल्लिका की संख्या-
ब्रह्मचारी भाई की संख्या-
ब्रह्मचारिणी बहनें की संख्या-
अन्य संख्या-
(१२) अन्य विशेष जानकारी – भक्तामर के व्रत, णमोकार मंत्र व्रत, तत्त्वार्थ सूत्र व्रत सम्पन हो चुके, कर्म दहन व्रत चालू है।