१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के निर्माण उपरांत इस प्रतिमा जी का संरक्षण, संवर्धन करके यहाँ से जैनधर्म की सतत अंतर्राष्ट्रीय प्रभावना हेतु पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी ने ऋषभगिरि, मांगीतुंगी में ‘‘पीठाधीश पद’’ की स्थापना की है।
पीठाधीश पद की स्थापना हेतु पूज्य माताजी ने दिनांक २९ फरवरी को मध्यान्हकाल में घोषणा की और प्रथम पीठाधीश के रूप में जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर के पीठाधीश कर्मयोगी स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी को ही पदभार सौंपा गया। इसके साथ ही पूज्य माताजी ने यह भी घोषित किया कि सदैव जम्बूद्वीप धर्मपीठ के पीठाधीश ही ऋषभगिरि- मांगीतुंगी के प्रमुख पीठाधीश के रूप में अधिकृत रहेंगे और ऋषभगिरि, मांगीतुंगी तीर्थ का कुशल संचालन करते हुए आने वाले समस्त यात्रियों की समुचित व्यवस्था का प्रबंध करने हेतु वे सदैव अपना नेतृत्व प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर पूज्य माताजी द्वारा पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी को ऋषभगिरि, मांगीतुंगी का पीठाधीश बनाने पर महोत्सव समिति ने उनका तिलक व पादप्रक्षाल करके उनके प्रति अर्घ्य समर्पित किया और वस्त्र भेंट किये। सभा में इस अवसर पर कोल्हापुर दिगम्बर जैन मठ के भट्टारक स्वस्तिश्री लक्ष्मीसेन महास्वामी जी एवं कम्मबदहल्ली दिगम्बर जैन मठ के भट्टारक स्वस्तिश्री भानुकीर्ति महास्वामीजी का भी गरिमामयी सान्निध्य प्राप्त हुआ।