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एम.ए.(पूर्वार्ध) इन जैनोलॉजी (प्रथम पत्र)
April 20, 2023
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एम.ए.(पूर्वार्ध) इन जैनोलॉजी (प्रथम पत्र)
अनादिकालीन जैनधर्म का ऐतिहासिक स्वरूप
01.1 जैनधर्म का मूल मंत्र – णमोकार महामंत्र
01.2 जैनधर्म की ऐतिहासिकता
01.3 जैनधर्म पूर्णतया आस्तिक धर्म है
01.4 वैदिक एवं श्रमण संस्कृति एक अनुशीलन
जैनागम में वर्णित त्रेसठ शलाका पुरुष
02.1 भगवान ऋषभदेव
02.2 श्री अजितनाथ से महावीर पर्यंत तीर्थंकर परम्परा
02.3 बारह चक्रवर्ती
02.4 भरत से भारत : कब, क्यों और कैसे ?
02.5 बलभद्र-नारायण-प्रतिनारायण
प्रमुख जैन तीर्थ एवं पर्व
03.1 तीर्थ का स्वरूप एवं महत्व
03.2 तीर्थंकर पंचकल्याणक तीर्थ
03.3 कतिपय ऐतिहासिक प्रमुख तीर्थ
03.4 प्रमुख जैन पर्व, पर्व का अर्थ एवं महत्व
भगवान महावीर शासन के प्रमुख प्राचीन आचार्य
04.1 गौतम गणधर आदि केवली श्रुतकेवली एवं मूलसंघ परम्परा
04.2 जैनागम में सरस्वती की महिमा
04.3 जैनशासन के प्रभावक आचार्य
04.4 आर्ष परम्परा के संवाहक बीसवीं सदी के प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर महाराज
जैन संस्कृति एवं पुरातत्त्व
05.1 जैन संस्कृति की विशेषताएँ
05.2 जैन पुरातत्त्व और मूर्तिकला
05.3 जैनदर्शन लोकतांत्रिक दर्शन है
05.4 देश-विदेश में जैन पुरातत्त्व की प्रतीक महत्वपूर्ण प्रतिमाएँ
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