क्या अक्सर ऐसा होता है कि ऑफिस के लिए तैयार होते वक्त शर्ट से मैचिंग पैन्ट नहीं मिलती या साड़ी का मैचिंग ब्लाउज नहीं मिलता ? या जब फोन से बात करते समय कुछ लिखना हो तो पेन जगह पर नहीं मिलता ? या दफ्तर में जिस फाइल का काम हो, उसे ढूँढने में आधा दिन बीत जाता है ? घर में फैले हुए कपड़े, पसारी हुई किताबें, जूते, फाइलें, बर्तन इन सबसे कभी-कभी घबराहट होने लगती है। जहाँ नजर डालो वहां पसारा देखकर तनाव होता है और सही समय पर सही चीज हाथ में न आने से काम में रुकावट, मूड खराब, गुस्सा यह श्रृंखला चलती है। लेकिन यह तो सोचिए कि इतना अटाला फैलता क्यों है और क्या करने से यह ढेरों सामान व्यवस्थित रुप से जम सकता है । आइए, हम इसके कुछ नियम समझते हैं —
टालने की आदत टालिए- हम रोज यही कहते हैं कि आज के बदले कल कर लेंगें । मैं कल फाइलें जमा दूँगा या कल पूरी अलमारी व्यवस्थित जमा दूँगी, वगैरह…….। आज का काम कल पर टालने से समय की बचत होती ही नहीं बल्कि कल के लिए कामों का अंबार खड़ा होता है । घर सफाई के सूत्र- सफाई का फायदा क्या होगा, यह अपने दिमाग में अच्छी तरह तय करें। हम पेपर्स क्यों उठाकर रखना चाहते हैं ? इसलिए क्योंकि अगली बार टेलीफोन या बिजली का बिल समय पर न ढूँढ पाने से जो अतिरिक्त पैसे भरने पड़ते हैं, वे नहीं भरने पड़ें । अब यह देखिए कि जो चीजें बिखरी हैं उसमें से क्या रखना है और क्या फेंकना है, या तो रखें या फेंक दें। आर्गेनाईज घर से फायदा ही फायदा है। हमें नीद भी अच्छी आयेगी । हमारा मूड़ अच्छा रहेगा । रिश्तों में ज्यादा मजबूती आएगी । घर—आफिस का मैनेजमेंट आसान होगा। सभी बिलों का सही समय पर भुगतान होगा ।