शरीर में शुक्रनाम की धातु का नाम ओज है । औदारिक शरीर में ओज एक अंजलि प्रमाण है । धवला ग्रन्थ में इसकी परिभाषा बताई है कि –
जिस राशि को चार से अवहृत (भाग) करने पर दो रूप शेष रहते है वह बादर युग्म कही जाती है जिसको चार से भाग करने पर एक अंश शेष रह जाता है वह कलि ओज राशि है और जिसको चार से भाग करने पर तीन अंश शेष रहते है वह तेजोज राशि है । कहा भी है –
चोद्दस बादरजुम्मं सोलस कदजुम्ममेत्थ कं लियोजो ।
तेरस तेजोजो खलु पण्णरसेवं खु विण्णेया ।।३।।
यहां चौदह को बादरयुग्म, सोलह को कृतयुग्म, तेरह को कलिओज और पन्द्रह् को तेजोज राशि जानना चाहिए ।