आहार अनेको प्रकार का होता है । उपभोग्य शरीर के योग्य पुद्गलों का ग्रहण आहार है । वह आहार शरीर नामकर्म के उदय तथा विग्रहगति नाम के उदय के अभाव से होता है ।
आहार के भेद प्रभेद में आगम में चार प्रकार के आहार के भेदो का उल्लेख मिलता है जिसकी सूची इस प्रकार है-
कर्माहारादि खाद्यादि कांजी आदि पानकादि
१ २ ३ ४
कर्माहार अशन कांजी स्वच्छ
नोर्माहार पान आवली बहल
कवलाहार खाद्य आचाम्ल लेवड़
लेप्याहार लेह्म बेलड़ी अलेवड़
ओजाहार स्वाद्य एकलटाना ससिक्थ
मानसाहार असिक्थ
इनमें जो शरीर की गर्मी से पोषण करता है वह ओजाहार है जैसे मुर्गी अण्डे को सेकर गर्मी देती है ।