चाकू , छुरी, कल्हाड़ी , आरा आदि लोहे से निर्मित उपकरण औजार हैं इसे शास्त्र भी कहते हैं इन शास्त्रों पर प्राणी रक्षा का उपदेश युग की आदि में प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने दिया था जिसका वर्तमान में सदुपयोग के साथ दुरूपयोग भी हो रहा है ।
आज इन औजारों के आधुनिक रूप पिस्तौल, बन्दूक, स्टेनगन, तोप, रॉकेट आदि रूप में आ गए है जिनसे एक ओर देश , राज्य, राष्ट्र व समाज की रक्षा करते है वहीं दूसरी ओर उसी से आतंकवाद पनप रहा है, लूटमार, चोरी, डकैती, बलात्कार आदि हिंसक वारदातों के लिए इनका प्रयोग किया जा रहा है ।