सर्वार्थ सिद्धि ग्र्रन्थ में कहा है – आहारग्रहणात्पूर्व तस्य पात्रस्य निमित्तं यत्किमप्यशनपानादिकं कृतं तदौषदेशिकं भष्यते ।
अर्थात् आहार ग्रहण करने से पूर्व उस पात्र निमित्त से जो कुछ भी अशनपानदिक बनाये गये हैं उन्हें औपदेशिक कहते है । अध: कर्म और औपदेशिक ये दोनों ही द्रव्य पुदगलमयी है ।